नरेगा योजना ही नहीं अधिनियम भी : सिविल जज रिजवानुल हक

नरेगा सिर्फ योजना ही नहीं बल्कि अधिनियम भी है। अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के लिये सजा का भी प्रावधान है। उक्त उद्गार सिविल जज रिजवानुल हक ने ब्लाक मैनपुरी क्षेत्र स्थित ग्राम नगला जुला में आयोजित नरेगा जागरुकता के लिये विधिक साक्षरता शिविर में व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हर इच्छुक श्रमिक को जॉब कार्ड देना नरेगा योजना के तहत अनिवार्यता है। हर जॉब कार्ड धारक को 100 दिन का काम निश्चित रूप से दिया जायेगा। प्रधान व अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि वे इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने में अपनी भूमिका का ईमानदारी के साथ निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि अगर जॉब कार्ड धारक को काम देने में कमेटी असफल रहती है तो बिना काम के ही आरम्भ में कुछ दिन की मजदूरी का 1/4 तथा बदली हुयी परिस्थितियों के तहत 1/2 धनराशि का भुगतान पाने के लिये जॉब कार्ड धारक को अधिकार है। उन्होंने कहा कि 100 दिन का काम पूरा करने के बाद भी अगर जॉब कार्ड धारक और भी ज्यादा काम मांगता है तो उसे और भी काम उपलब्ध कराया जायेगा।

इस अवसर पर बोलते हुये बीडीओ रामसागर यादव ने कहा कि नरेगा जागरुकता के लिये लगाये गये विधिक साक्षरता शिविर का उद्देश्य लोगों में योजना के संबंध में जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को नरेगा के संबंध में कोई शिकायत है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विशेष रूप से लगाये जाने वाली लोक अदालत में अपनी शिकायत कर सकता है। उन्होंने बताया कि बुधवार को इस प्रकार की एक लोक अदालत का ब्लाक कार्यालय में आयोजन किया गया था जिसमें ग्राम अस्योली के प्रधान की नरेगा योजना के तहत कराये गये को लेकर शिकायत की गयी थी। उक्त शिकायत के निस्तारण के लिये प्रधान को लोक अदालत में तलब किया गया और शिकायत का तत्काल निस्तारण कर दिया गया। शिविर में मौजूद ग्राम प्रधान रश्मि चौहान ने कहा कि अगर किसी जॉब कार्ड धारक को अपने काम के भुगतान को लेकर अगर किसी प्रकार की कोई समस्या हो तो वह अपनी शिकायत नरेगा समिति के समक्ष कर सकता है।

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