पंचायती राज को प्रभावी बनाने के लिए सरकार हरसंभव उपाय करने में जुटी है। यूं तो प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में इन दिनों अंबेडकर गांव है। परंतु इसके साथ-साथ अन्य ग्राम पंचायतों में भी विकास कार्यो पर भी सरकार की नजर है। सरकार के निर्देश पर जिले के आला अधिकारी भी ग्राम पंचायतों के सूरतेहाल पर नजर रखे हुए है। मगर फिर भी प्रधान और सचिवों की बीच की केमिस्ट्री के चलते विकास कार्यो में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आ रहे हैं। पिछले कई दिनों से डीएम और सीडीओ विकास कार्यो में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रधानों पर शिकंजा भी कसे हुए हैं। इसी कड़ी में जिले की ग्राम पंचायत गदाईपुर की ग्राम प्रधान सरोजा देवी को डीएम ने पंचायती राज की धारा 95 एजी के तहत एक और नोटिस जारी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायतों में विकास कार्यो के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार लाखों रुपये का बजट भेज रही है मगर धरातल पर इस बजट के परिणाम सामने नहीं आ रहे। इस ताजातरीन मामले में ग्राम पंचायत गदाईपुर में हुए विकास कार्यो की जांच डीएम सच्चिदानंद के निर्देश पर ब्लॉक जागीर के बीडीओ एवं सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के जिला समन्वयक नीरज शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से की गयी थी। जांच के दौरान स्कूल शौचालय, आंगनबाड़ी शौचालय, व्यक्तिगत शौचालय, नरेगा के जॉबकार्ड में गड़बड़ी आदि बिन्दुओं पर पड़ताल हुई। ग्राम प्रधान इन सभी बिन्दुओं पर दोषी पायी गयीं। डीएम ने जांच रिपोर्ट के आधार पर पंचायत के सचिव महाराज सिंह को पहले ही निलंबित कर रखा है।
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