मैनपुरी। बड़े दुःख की बात है.जिले मैं टीचरों ने ही एक्साम को मजाक बना दिया है.चुनाव मैं प्रशासन की व्यस्तता का ये टीचर भरपूर फायदा उठा रहे है.जिन स्कूलों मैं बोर्ड के एक्साम चल रहे हैं देख कर शर्म से सिर झुक जाता है.मैनपुरी मैं आलम ये है की बोर्ड एक्साम कॉलेज संचालकों के लिए कमाई का धंदा बन गया है.अनुमान के मुताबिक पुरी बोर्ड एक्साम की काली कमाई ३ करोड़ के भी आकंडे को पर कर चुकी है.बोर्ड एक्साम की ऐसी दुर्दशा शायद ही कभी हुई हो जैसी इस बरस देखनो को मिल रही है.जिले के स्कूलों का हल बुरा हो चला है.स्कोलों मैं भाड़े पर नकल कराने की जानकारी मिल रही हैं.हर छात्र से नकल के नाम पर रुपये लेकर नकल की छुट दी जा रही है.मुख्यालय से दूर बने सेंटरों का हाल तो और भी बुरा है.खेतों मे कॉपी लिखने की बात कही जा रही हैं.घर मैं भी कॉपी लिखी जा रही हैं.ये सब बेझिजक और बेखोफ हो रहा है.प्रशासन के पास उपलब्ध अधिकारी चुनाव तेयारिओं मैं जुटे है.बेहतर लोकतंत्र की स्थापना हो इसके लिए वे रातदिन तेयारिओं मैं जुटे हैं.लेकिन जिले मैं जिस ढंग से एक्साम को मजाक बना दिया गया है उससे नही लगता की चाचा कलाम का सपना २०२५ तक भारत को महाशक्ति बनानाने का पुरा हो पायेगा.एजुकेसन के फिल्ड मैं हिंदुस्तान का नाम बड़े अदब से लिया जाता रहा है.जीरो का इजाद करके हिन्दुस्ता ने ही इल्म के दरिया मैं एक मोती पुरे विश्व को दिया है.नालंदा जैसे विद्यालय दिए.आर्यभट जैसे गणित के जानकर दिए.एजुकेशन को लेकर जिस देश का इतिहास इतना गोरव शाली रहा उस हिन्दुस्थान मैं एजुकेशन की ऐसी हालत शेम...शेम....शेम....
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