तुने बख्शा तो है मुझे खुला आसमान
साथ ही दी हैं तेज़ हवाएं भी
हाथों की हलकी ज़ुम्बिस देखकर जमीन से उपर उठा भी दिया
.......मगर ये सब कुछ बेमतलब सा लगता है
ये अस्मा,ये हवाएंये हलकी सी ज़ुम्बिस,
काश तुने कुछ न दिया होता
बस मेरी कमान खोल दी होती
एक धागा है की जिसने बदल दिए हैं
मायने मेरी आज़ादी के......
दूर से बंधी पतंग का दर्द कौन समझेगा।
------पवन कुमार (आई.ऐ .एस )
साथ ही दी हैं तेज़ हवाएं भी
हाथों की हलकी ज़ुम्बिस देखकर जमीन से उपर उठा भी दिया
.......मगर ये सब कुछ बेमतलब सा लगता है
ये अस्मा,ये हवाएंये हलकी सी ज़ुम्बिस,
काश तुने कुछ न दिया होता
बस मेरी कमान खोल दी होती
एक धागा है की जिसने बदल दिए हैं
मायने मेरी आज़ादी के......
दूर से बंधी पतंग का दर्द कौन समझेगा।
------पवन कुमार (आई.ऐ .एस )
Hi Johny
ReplyDeleteI am Pankaj Dubey. I am belonging from Mainpuri. Now I am living in Delhi. I am proud of my Great city Mainpuri & i love my city very much & i like your Satyam news channel.
Your's
Pankaj Dubey
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