जनपद में हरे पेड़ों का अवैध कटान


जनपद में हरे पेड़ों का अवैध कटान हर रोज हो रहा है। सरकार के कडे़ निर्देशों के बाद भी जिले में विभाग और स्थानीय पुलिस की सरपरस्ती में प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई बेखौफ जारी है। क्षेत्र वन विहीन होकर मरुस्थल बन रहे हैं मगर विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं दिखती। पूर्व सपा सरकार में सांसद धर्मेन्द्र यादव के प्रयासों के बाद मैनपुरी को हरा-भरा बनाने के लिये सघन वृक्षारोपण अभियान चला। इस अभियान के तहत जनपद भर में 18 मार्गो पर 22 हजार से अधिक ब्रिक गार्डो का निर्माण कराया गया। इन ब्रिकगार्डो में वृक्षारोपण के नाम पर भी लाखों रुपये बहाये गये। परंतु अफसोस वृक्षारोपण के लिये चला सरकारी अभियान भ्रष्टाचार का शिकार होकर रह गया। एक भी मार्ग ऐसा नहीं है जहां बने ब्रिकगार्डो में 40 फीसदी भी पेड़ सुरक्षित रह गये हों।

विभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी दीपक कुमार ब्रिकगार्डो में वृक्षारोपण के बावत अपना पक्ष रखते हैं और कहते हैं कि वृक्षारोपण शत-प्रतिशत कराया गया था। परंतु संसाधनों के अभाव में लगाये गये पेड़ों की सिचाई नहीं हो पाई इसलिये पेड़ सूख गये। परंतु करोड़ों खर्च कर लगाये गये इन पेड़ों की बर्बादी के लिये जिम्मेदार कौन है? दीपक के मुताबिक वर्ष 07-08 में सामाजिक वानिकी योजना के अंतर्गत सरकार ने 1 करोड़ 80 लाख रुपये सघन वृक्षारोपण के लिये आवंटित किये थे। जिनसे जनपद में वृक्षारोपण कराया गया। जिले में 421 हैक्टेयर ग्राम समाज एवं वन्य क्षेत्र भूमि पर जनपद के सभी ब्लाकों में वृक्षारोपण कराने का लक्ष्य भी था।

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