वे अपनी विचारधाराओं में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग का शुक्रिया है कि विभिन्न राज्यों में 13 दल पांच चुनाव चिह्नों का साझा इस्तेमाल कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा रखने वाली बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना का चुनाव चिह्न ‘धनुष बाण’ है, तो वहीं शिबू सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का चुनाव चिह्न भी ‘धनुष बाण’ है।
मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी का चुनाव चिह्न हाथी है, तो वहीं असम में मुख्य विपक्षी दल असम गण परिषद का चुनाव चिह्न भी हाथी ही है। पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम तथा सिक्किम को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बसपा का चुनाव चिह्न आरक्षित है।
निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में चुनाव चिह्न के रूप में ‘साइकिल’ मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी को दे रखी है, लेकिन दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में तेलगू देशम, जम्मू कश्मीर में नेशनल पैंथर्स पार्टी, केरल में केरल कांग्रेस और मणिपुर में मणिपुर पीपुल्स पार्टी का चुनाव चिह्न भी ‘साइकिल’ ही है।
केरल में ‘दो पत्तियां’ केरल कांग्रेस [एम] का चुनाव चिह्न है, तो वहीं तमिलनाडु और पुडुचेरी में यह जयललिता की अन्नाद्रमुक का भी चुनावी निशान है। पश्चिम बंगाल में ‘शेर’ का इस्तेमाल फॉरवर्ड ब्लॉक करती है, तो गोवा में जंगल का यह राजा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का भी चुनाव चिह्न है। 58 पंजीकृत चुनाव चिह्न ऐसे हैं जो अभी आवंटित किए जाने हैं, जबकि एक हजार से अधिक पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल चुनावी निशान मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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