...क्या होगा मैनपुरी का

मैनपुरी. १५ लोकसभा राजनीति नतीजे नतीजे भी मैनपुरी की किस्मत ताला नहीं खोल सके.एक दशक से देश की मुख्य धारा की राजनीति में आने को व्याकुल मैनपुरी राजनीति की एक बार फ़िर दिल्ली पहुचते पहुचते साँस उखड गई हैं.इस बार भी मैनपुरी की जनता को पूर्ण विश्वास था कि मुलायम जीत कर उनकी समाजवादी पार्टी दिल्ली कि सरकार बनाने अहम् भूमिका निभाएगी.लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.अपनी जीत का प्रमाण पत्र लेने मैनपुरी पहुचे मुलायम सिंह ने अपनी बेबसी को इस तरह ज़ाहिर किया कि वे अब अपोजिसन में बेठेगें.३० सेकंड में कही इस बात में आने वाले ५ सालों का दर्द मुलायम सिंह के चहरे पर साफ़ पढा जा सकता था.१६ अप्रेल को इसी कचहरी में जब मुलायम के साथ अमर और संजय दत्त पर्चा दाखिल करने आये थे तो उनका चेहरा आत्मविश्वास से भरा था.लेकिन १८ मई को प्रमाण पत्र लेने पहुचे मुलायम सिंह का चेहरा जैसे मैनपुरी कि जनता से कह रहा हों कि ''हम जीत कर भी हार गए''.
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1 टिप्पणियाँ:

  1. samsya ye hai ki mulayam singh neta to hain lekin sarv manya neta nahin. satta mein aane par aap anpadho ka to bhala karte hain lekin padeh likhe sirf tamasha delhte hain. aakhir unko yaad karne ki koi wajah bhi to honi chahiye. jab wo up mein aaye the tab bhi light nahin aati thi aur unke jaane k baad bhi. crime mein bhi koi kami nahin thi. matlab sarkar fail thi.

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