मैनपुरी। ७ जून को अखबारों में प्रकाशित एक ख़बर की शहर में जबरदस्त चर्चा हुयी। ये ख़बर अलीगढ से थी.वहाँ के जिलाधिकारी राम मोहन राव ने अतिक्रमण कारिओं के खिलाफ एक नया अभियान शुरू किया है.अभियान के तहत सड़क पर रखीं चीजों को उन्होंने गरीबों में ये कह कर बाँट दी कि ''सड़कों पे रखा समान पब्लिक का है.''मैनपुरी भी अतिक्रमण कारिओं से परेशान है.शहर की हर सड़क इन अतिक्रमण कारियों के कब्जे में है.करहल रोड.घंटा घर बाज़ार.देवी रोड.स्टेशन रोड.आगरा रोड.कचहरी रोड और जहाँ सबसे ज्यादा हालत ख़राब हैं वो है लेंगंज बाज़ार.देखा जाए तो शहर में अतिक्रमण की शुरुआत यहीं से होती.शहर में यूँ तो खानापूर्ति के लिए कई बार अभियान चलाया गया.लेकिन पर्याप्त प्रशासनिक योग्यता की कमी के चलते शहर में ये समस्या अमरबेल के तरह बढ़ती जा रही है.लेकिन नए जिलाधिकारी अनिल कुमार से मैनपुरी की जनता में एक बार फ़िर उम्मीद जागी है.हालाकिं उन्हें जनपद में आए हुए महज़ कुछ हफ्ते ही बीते है.लेकिन अनिल कुमार ने कम समय में ही अपनी काबलियत और वर्किंग स्टाईल से जनता में गहरी पकड बना ली है.ऐसे में अतिक्रमण कारियों से शहर को मुक्ति दिलाने में अहम् भूमिका निभा सकते हैं.शहर में अतिक्रमण के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी रोहित नंदन ने सबसे असरदार ढंग से अभियान चलाया था.यही वजह है मैनपुरी की जनता उन्हें आज भी याद करती है.रोहित नंदन ने ही सबसे पहले जिले की जनता बताया की एक डीएम की पावर क्या होती है ? शहर में हालत चलने लायक नही है. लेनगंज़ बाज़ार में किसी भी समय दुकानदार और जनता में तू..तू ..में होते आसानी से देखा जा सकता है.पुरानी सब्जी मंडी के ठीक बगल में ये नज़रें अब आम हो गए हैं.ये दूकानदार बाज़ार बंदी जैसे कानून का भी लंबे समय से मजाक उडाते आ रहे हैं. अतिक्रमण का जब जनता विरोध करती है तो ये दुकानदार लड़ने पर भी तेयार हो जाते हैं.जैसे इन दुकानदारों को किसी का भी खोफ नही है! ये ही हल लगभग सभी सड़कों का है.इन दुकानदारों के इस रवैये की व्येपारी संगठन भी लंबे समय विरोध करते रहें हैं.अतिक्रमण कारियों से मैनपुरी शहर की जनता बेहद परेशान है.ला एंड आर्डर के लिए मुसीबत बनती जा रही इस समस्या से अब निपटने का समय आ गया है.ऐसे में अगर जनता जिलाधिकारी अनिल कुमार से उमीदें लगा ले तो कोई गुस्ताखी नही होगी.
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कुछ दिनों बाद हम लोग एक अलग समुदाय के लोगो में गिने जाने वाले है, और वोह समुदाय है मुर्दों को जगाने वालो का |
ReplyDeleteहिर्देश, लाख लिखो या चौराहों पे चिल्लाओ कुछ नहीं होगा यह मुर्दों कि बस्ती है यहाँ जिंदा लोगो से बदबू आती है मुर्दों से नहीं |
कौन रोकेगा इनको पुलिस ??
एक १० के नोट पे आप अपना ट्रक शहर के अन्दर चलाओ फ़िर इन दुकानदारों का तो हफ्ता बंधा है |
डी एम् साब तो अपनी खुद कि नौकरी बहेनजी से बचने में लगे है शहर के मुहाफिज़ तो आप और हम ही है |
ReplyDeleteमुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बढ़िया पोस्ट के लिए बधाई!अब तो मैं आपकी आठवी फोल्लोवेर बन गई हूँ इसलिए आती जाती रहूंगी!
ReplyDeleteमेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!
Shivam you are not supposed to be so disappointed....hopes are everywhere. A drive is required now tyo remove this enchrochment..
ReplyDeleteI'm not disappointed.I'm describing the truth.Its only the people of Mainpuri who has the power to remove and stop encroachment.No DM or SSP can do this without our support.So instead of appealing its better to act on our own and ask these shop owners to remove the encroachment themselves.
ReplyDeleteI totally agree.
ReplyDeletesadasfdfwefwefWCZXCCaCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCCC
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